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“हिन्दी साहित्य : अनुभूति से विमर्श तक” केवल एक ब्लॉग नहीं, बल्कि हिन्दी साहित्य का सजीव विद्यालय है। यह वह मंच है जहाँ साहित्य-सरिता की प्रवाहमान धारा बहती है, जिसमें राष्ट्रवाद का उत्साह, भक्ति की निर्मलता, प्रेम की गहनता और विचारों की ऊष्मा एक साथ संगमित होती हैं। यह ब्लॉग संवेदनशील पाठकों को आत्मा की गहराइयों तक उतरने का अवसर प्रदान करता है और साथ ही उन विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी है, जो हिन्दी साहित्य की धरोहर को समझकर अपने ज्ञान और व्यक्तित्व को निखारना चाहते हैं।


हमारा उद्देश्य


हिन्दी साहित्य की समृद्ध परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुँचाना।


विविध साहित्यकारों की मौलिक रचनाओं का प्रकाशन कर पाठकों और समाज को साहित्यिक संवेदनशीलता से जोड़ना।


राष्ट्रवाद और समाज-सेवा की भावना को प्रेरित कर विद्यार्थियों और पाठकों में जनकल्याण की चेतना बढ़ाना।


आलोचनात्मक सोच, विवेचना क्षमता और जीवन मूल्यों के साथ ज्ञान को केवल व्यक्तिगत लाभ का साधन न होकर समाज और राष्ट्र के लिए प्रकाशस्तम्भ बनाना।


प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक और ज्ञानवर्धक मंच प्रदान करना।


यह ब्लॉग विशेष रूप से स्नातक, परास्नातक, शोधार्थी, तथा UGC-NET, JRF, सहायक आचार्य, स्कूल व्याख्याता जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए उपयोगी अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराता है।

यहाँ प्रस्तुत प्रत्येक आलेख केवल विमर्श का माध्यम नहीं, बल्कि एक दीपशिखा है, जो ज्ञान और संवेदना का आलोक फैलाती है। हम मानते हैं कि साहित्य केवल पढ़ने का विषय नहीं, बल्कि जीवन का सत्त्व और आत्मा का प्राण है।


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